कैसे चमकाएं अपना व्यवसाय
वास्तु से व्यापार प्रभावित होता है । वास्तु दोष वाले भवनों में किसी भी तरह का व्यवसाय फलता फूलता नहीं है। कोई न कोई मुश्किलें , बाधाएं और अड़चनें बिजनेस को आगे नहीं बढ़ने देती है । मालिक और कर्मचारी के मध्य मतभेद हो जाते हैं । उत्पाद समय पर तैयार न होने के कारण व्यवसाय घाटें में चलने लगता है। ऐसी ही कई तरह की समस्याएं वास्तु दोष के कारण उत्पन्न हो सकती है। आइए व्यवसाय स्थलों के वास्तुदोषों को सुधारने के उपाय जाने ।
कारखाने का निर्माण करने के लिए चिकनी मिटटी का चुनाव करना चाहिए। भूखंड में शल्य दोष नहीं होना चाहिए। और कब्रिस्तान के नजदीक भूखंड का चुनाव नहीं करना चाहिए।
दक्षिण से उत्तर और पश्चिम से पूर्व भूखंड का ढलान होने से व्यवसाय फलता- फूलता है और व्यापार में उन्नति होती है ।
फैक्टी आदि के लिए भूखंड़ आयताकार , वर्गाकार , अष्ट-भुजाकार, षट-भुजाकार एवं सिंह मुखी भूखंड भी व्यवसाय के लिए शुभकारी होते है ।
व्यवसायिक भूखंड के चारों तरफ मार्ग का होना शुभदायक है, भूखंड़ के दो तरफ मार्ग होना मध्यम और केवल पश्चिम या दक्षिण में होना साधारण होता है ।
व्यावसायिक भूखंड़ में ईशान के अलावा कहीं विस्तार हो या आग्नेय एवं वायव्य के अलावा कहीं कटान हो तो उसमें जरुरी सुधार कर लें ।
व्यावसायिक व्यवस्था के लिए प्रशासकीय खंड दक्षिण-पश्चिम में बनवाएं ।
व्यावसायिक भूखंड का ब्रह्मस्थान ( मध्य भाग ) सदा ही खाली रहना चाहिए ।
मुख्य और भारी मशीनों की स्थापना नैऋत्य में करें ।
आस पडोंस के भूखंडो का पानी बहकर कारखाने या व्यावसायिक भूखंड पर नहीं आना चाहिए । भूखंड के पूर्व ,उत्तर एवं उत्तर पूर्व में नदी , तालाब एवं कुआं का होना शुभदायक होता है ।
शिशिर शुक्ला
Tuesday, February 24, 2009
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