Sunday, April 12, 2009

जब चार्जर खो जाता है ।

जब चार्जर खो जाता है ।
चार्जर , एक ऐसी चीज जों मोबाइल से भी ज्यादा जरुरी है ये तब मालुम होता है । जब मोबाइल चार्ज नहीं होता । और ठीक भी है , किसी की अनुपस्थित में ही उसकी जरुरत का अहसास होता है । वैसे तो ये चार्जर इधर-उधर लुढकते रहते है लेकिन ये जरुरत के समय नदारत हो जाते है । लेकिन , इसमें गलती भी तो हमारे जैसे आम इंन्सान की ही है । आखिर हम इनसे लावारिसों जैसा सलूक करते ही क्यों है । खैर अपनी आदतों को बदल भी तो नहीं सकते । शिशिर शुक्ला

भारी पडेगा सिक्कों से तुलवाना

भारी पडेगा सिक्कों से तुलवाना
· चुनाव आयोग और आयकर विभाग की कड़ी नजर
· तौलने और तुलवाने वालों को देना होगा जवाब
शिशिर शुक्ला -चुनाव आयोग की कडी़ निगरानी से अधिक्कतर प्रत्याशी परेशान हैं । चुनाव में प्रत्याशियो़ को सिक्कों से तौलने की एक खास परम्परा है । मगर, इस बार सिक्को से तौलने और तुलवाने वालों पर चुनाव आयोग और आयकर विभाग नजर
गडाए हुए है । उम्मीदवारो को सिक्को के बदले प्राप्त रकम का हिसाब देना होगा । वहीं सिक्कों से तौलने वाले संगठनों को भी पैसे के एकत्र होने का ब्यौरा देना होगा ।
उल्लेखनीय है कि चुनाव के समय उम्मीदवारों को जनसमर्थन के नाम पर नागरिकों व्दारा चुनावी खर्च के लिए आर्थिक मदद के रुप मे सिक्कों से तौला जाता है । बाद मे सिक्कों के बदलें रुपयों की गड्डी दे दी जाती हैं । सिक्कों की एक ही बोरी से अलग – अलग क्षेत्रो के प्रत्याशी तौलें जातें हैं इससे प्रत्याशियो को जनसमर्थन के नाम पर लाखों रुपये हासिल होते है ।
चुनाव मे नोट और वोट का चली आ रही परंपरा पर रोक लगाने के लिए चुनाव आयोग ने निर्देश दिया हैं । कि अब प्रत्याशी यह भी बताएँ कि प्रचार के दौरान उसे कितनी बार किन – किन इलाकों मे सिक्कों से तौला गया है । साथ ही उससे कितनी
राशि प्राप्त हुई है । उधर, सिक्कों से तौलने वाले संगठनों को भी धन संग्रह का
ब्यौरा देना होगा । चुनाव आयोग ने निर्देश के बाद आयकर विभाग को नोटिस जारी
करके चुनावी खर्चे का आकलन करने को कहा है । चुनाव आयोग के निर्देश के बाद
आयकर विभाग ने भी सभी प्रत्याशियों एवं दलों को नोटिस भेजा है । दिल्ली चुनाव कार्यालय की मुरुय चुनाव अधिकारी एसएस बेदी ने कहा कि चुनाव मे काले धन के इस
गदें खेल पर रोक लगाना जरुरी था ।

बरेलवी मुसलमानों में बढती छटपटाहट

Tuesday, February 24, 2009

दिल्ली में बाइकर्स गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार


दिल्ली में बाइकर्स गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार

दिल्ली में बाइकर्स गैंग के दो सदस्य गिरफ्तार
राजधानी दिल्ली में बाइकर्स गैंग के दो सदस्यों को पुलिस ने बाहरी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया । ये गिरोह आये दिन झपटमारी की वारदातों को अंजाम दे रहा था । वारदात में असफल होने पर हत्या से भी परहेज नहीं करते थे। पुलिस ने दावा किया है कि गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी जल्द ही होगी । पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बादमाशों के नाम राजू उर्फ छत्रपाल और अजय रावत शामिल हैं। छह फरवरी रात को फैक्टरी से काम करके वापस आते राम प्रसाद और सुनील को कुछ बदमाशों ने घेर लिया और लूटपाट की । राम प्रसाद ने इसका विरोध किया तो बदमाशों ने उसे चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया था। जबकि सुनील से बदमाशों ने एक हजार रुपये छिन कर फरार हो गये थे । पुलिस के मुताबिक इनकी गिरफ्तारी से लूट व हत्या समेत कई मामले सुलझ गये है ।

कैसे चमकाएं अपना व्यवसाय

कैसे चमकाएं अपना व्यवसाय
वास्तु से व्यापार प्रभावित होता है । वास्तु दोष वाले भवनों में किसी भी तरह का व्यवसाय फलता फूलता नहीं है। कोई न कोई मुश्किलें , बाधाएं और अड़चनें बिजनेस को आगे नहीं बढ़ने देती है । मालिक और कर्मचारी के मध्य मतभेद हो जाते हैं । उत्पाद समय पर तैयार न होने के कारण व्यवसाय घाटें में चलने लगता है। ऐसी ही कई तरह की समस्याएं वास्तु दोष के कारण उत्पन्न हो सकती है। आइए व्यवसाय स्थलों के वास्तुदोषों को सुधारने के उपाय जाने ।
कारखाने का निर्माण करने के लिए चिकनी मिटटी का चुनाव करना चाहिए। भूखंड में शल्य दोष नहीं होना चाहिए। और कब्रिस्तान के नजदीक भूखंड का चुनाव नहीं करना चाहिए।
दक्षिण से उत्तर और पश्चिम से पूर्व भूखंड का ढलान होने से व्यवसाय फलता- फूलता है और व्यापार में उन्नति होती है ।
फैक्टी आदि के लिए भूखंड़ आयताकार , वर्गाकार , अष्ट-भुजाकार, षट-भुजाकार एवं सिंह मुखी भूखंड भी व्यवसाय के लिए शुभकारी होते है ।
व्यवसायिक भूखंड के चारों तरफ मार्ग का होना शुभदायक है, भूखंड़ के दो तरफ मार्ग होना मध्यम और केवल पश्चिम या दक्षिण में होना साधारण होता है ।
व्यावसायिक भूखंड़ में ईशान के अलावा कहीं विस्तार हो या आग्नेय एवं वायव्य के अलावा कहीं कटान हो तो उसमें जरुरी सुधार कर लें ।
व्यावसायिक व्यवस्था के लिए प्रशासकीय खंड दक्षिण-पश्चिम में बनवाएं ।
व्यावसायिक भूखंड का ब्रह्मस्थान ( मध्य भाग ) सदा ही खाली रहना चाहिए ।
मुख्य और भारी मशीनों की स्थापना नैऋत्य में करें ।
आस पडोंस के भूखंडो का पानी बहकर कारखाने या व्यावसायिक भूखंड पर नहीं आना चाहिए । भूखंड के पूर्व ,उत्तर एवं उत्तर पूर्व में नदी , तालाब एवं कुआं का होना शुभदायक होता है ।
शिशिर शुक्ला

एटीएम कार्ड धारकों के लिए एक वैज्ञानिक चेतावनी

एटीएम कार्ड धारकों के लिए एक वैज्ञानिक चेतावनी है कि वे भूलकर भी एटीएम कार्ड व मोबाइल फोन एक ही जेब में न रखें अन्यथा मोबाइल फोन की हाई फ्रीक्वेंसी एटीएम कार्ड की मैग्नेटिक सि्ट्रप को तबाह कर सकती है । गौरतलब है कि मोबाइल फोन 8000 से 18000 किलो हर्ट्रज तक की फ्रीक्वेंसी पर काम करता है जबकि कार्ड की फ्रिक्वेंसी पर काम करता है जबकि कार्ड की मैग्नेटिक सि्टॅ्प मात्र 100 किलो हट्रज की फ्रीक्वेंसी पर । यदि आप सचेत न हुए तो आपका कार्ड खराब हो सकता है । ऐसा होने पर आपको बैंक के दस चक्कर लगाने पड़ेगे और 250 रुपये जमा करने पडे़गे तब जाकर डुप्लीकेट एटीएम कार्ड बन पाएगा ।
शिशिर शुक्ला

Monday, February 23, 2009

1,45 लाख लोग पहचान पत्र से वंचित

1,45 लाख लोग पहचान पत्र से वंचित
नोएडा। निर्वाचन आयोग की लाख कोशिशों के बाद भी लाखों लोग अभी पहचान पत्र से वंचित है । लोक सभा की तैयारी शुरु हो गयी है पर अभी तक एक लाख 45 हजार मतदाताओं के पास वोटर आईडी कार्ड नही है बन सके हैं । पहचान पत्र न बन पाने के कारण लोगों को डर है कि कहीं वो मताधिकार से वंचित न रह जाएं । हांलाकि निर्वाचन आयोग को पूरा भरोसा है कि आने वाले एक माह में पहचान पत्र बनाने का काम पूरा कर लिया जाएगा ।
आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भारत निर्वाचन आयोग ने दो चरणों में मतदाता सूचियों में नाम जोड़ने और सभी मतदाताओं के पहचान पत्र बनाने का अभियान चलाया था । इस अभियान का कहीं तो अच्छे से पालन किया गया तो कहीं इसे मजाक बना दिया गया । पिछले काफी समय से मतदाता आई डी कार्ड बनवाने के लिए दौड़ रहे है । और जहां कार्ड बने भी हैं वहां अब कमियां पाई जा रही हैं । इस समय जिले में पौने नौ लाख मतदाता हैं । इनमें करीब 1.45 लाख मतदाताओं के पहचान पत्र नहीं बन पाए हैं। 18 नवम्वर से तीन दिसम्बर तक चलाए गए पुनर्निक्षण अभियान के दौरान करीब 45 हजार मतदाताओं के पहचान पत्र बना दिए गए थे । बचे मतदाओं के पहचान पत्र सतत पुनर्निक्षण के बाद बन पाएंगे ।
शिशिर शुक्ला

जाली करेंसी का रैकेट

जाली करेंसी का रैकेट
नेपाल बना खतरे की घंटी
· आईएसआई ने रणनीति में किया फेरबदल
· भारत-पाक सीमा से नोट भेजने में आई कमी
· नेपाल के रास्ते गोरखधंधे में आई काफी तेजी

कोई नई बात नहीं है कि पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई भारतीय अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने पर तुली है। यह काम भारत में नकली नोटों की खेप भेजकर काफी अर्से से
किया जा रहा है। लेकिन अब आईएसआई ने अपनी रणनीति में फेरबदल कर लिया है। नई योजना के तहत भारत-पाक सीमा से जाली नोट भेजने की गति धीमी कर दी गई है। वहीं नेपाल के रास्ते इस गोरखधंधे में काफी तेजी आई है।
हाल ही में दिल्ली पुलिस के हत्थे चढे़ तीन एजेंटों ने भी खुलासा किया है कि आईएसआई का एक एजेंट नेपाल में बैठकर नकली नोट भारत भेज रहा है। पुलिस की एक टीम मामले की पड़ताल भी कर रही है। दरअसल, शुरुआत में नकली नोटों के गोरखधंधे के लिए दिल्ली, मुंबई, कोलकाता जैसे बडे़ शहर ही मुफीद माने जाते थे । लेकिन , अब यह अवैध कारोबार छोटे शहरों से लेकर गांवों तक फैल गया है ।
आईएसआई की इस नई रणनीति को लेकर भारतीय खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हो गई है । और तमाम राज्यों की पुलिस से व्यौरा एकत्र कर रही है। ताकि, नेपाल में बैठे सरगना को दबोचा जा सके । दिल्ली पुलिस प्रवक्ता राजन भगत का कहना है कि इंटरनेशनल रैकेट को तार-तार करने के लिए पुलिस समेत भारतीय खुफिया एजेंसियां केंद्रीय वित्त और विदेश मंत्रालय के संपर्क में है । नेपाल में बैठे आईएसआई के एजेंटों की गिरफ्तारी के लिए शिकंजा कसा जा रहा है । साथ ही इंटरपोल भी पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में जुटा है ।

बाइकर्स गैंग के दो सदस्य

राजधानी दिल्ली में बाइकर्स गैंग के दो सदस्यों को पुलिस ने बाहरी दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया । ये गिरोह आये दिन झपटमारी की वारदातों को अंजाम दे रहा था । वारदात में असफल होने पर हत्या से भी परहेज नहीं करते थे। पुलिस ने दावा किया है कि गिरोह के अन्य सदस्यों की गिरफ्तारी जल्द ही होगी । पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बादमाशों के नाम राजू उर्फ छत्रपाल और अजय रावत शामिल हैं। छह फरवरी रात को फैक्टरी से काम करके वापस आते राम प्रसाद और सुनील को कुछ बदमाशों ने घेर लिया और लूटपाट की । राम प्रसाद ने इसका विरोध किया तो बदमाशों ने उसे चाकू मारकर मौत के घाट उतार दिया था। जबकि सुनील से बदमाशों ने एक हजार रुपये छिन कर फरार हो गये थे । पुलिस के मुताबिक इनकी गिरफ्तारी से लूट व हत्या समेत कई मामले सुलझ गये है ।

Tuesday, February 17, 2009

बिहार राजनीति का अपराधीकरण

किसी देश के विकास में वहां राजनैतिक व्यवस्था की बडीं अहम् भूमिका होती है । किन्तु जब इस व्यवस्था की बागङोर समाज सेवा की भावना रखने वाले राजनैतिज्ञों की जगह , अपराधी प्रवर्ती वाले लोग सम्भाल लेते है । तो देश विकास की जगह , अवनति की ओर बड रही है । अपराध जगत से राजनीति की ओर आने वाले लोगों की संख्या वैसे तो पूरे देश में बढ रही है । किन्तु इसका सूत्रपात करने वाला बिहार प्रान्त अब अपराधों के स्याह छितिज तक जा पहुंचा है ।
भौतिक सुख साधन शीघ पाप्त करने की लालसा में लोग अपराधों की दुनिया में भागते चलें जातें है । और जब उनके ऊपर कोई मुश्किल आती है तो राजनेता स्वार्थ बस उन्हें संरक्षण देते है । ऐसे अवसरों पर आराधिय़ों के मन में स्वय़ं राजनेता बनने की भावना पैदा हो जाती है । और वे साम,दाम,दण्ड भेद अपना कर मौका लगते ही स्वय़ं राजनेता बन बैठते है। बिहार में ऐसे राजनेताओं की कमी नही है। विभिन्न राजनैतिक दलों के अपराधी पवर्ति वाले अनेक नेता बिहार में मौजूद है। इनके ऊपर दजनों हत्या, लूट, डकैती, फिरौती के मुकदमें दर्ज है । पहलें वे इन अपराधों में स्वय़ं लिप्त रहतें है । और चुनाव जितने के बाद अपने गुर्गो से य़े घटनाऐं करा कर उनको संरक्षण पृदान करते है।

सत्यम का सत्य

सत्यम का संस्कृत में अर्थ सत्य होता है । 7 जनवरी,2009 को चौथी सबसे बड़ी साफ्टवेयर निर्यातक कंपनी सत्यम कंप्यूटर ने भारतीय पूंजीवाद के बारे में कुछ कड़वे सच सबके सामने ला दिए । इससे न केवल भारतीय उद्घोग जगत में बल्कि पूरे देश में एक भूचाल आ गया । विकास का पर्याय माने जाने वाली एक कंपनी असल में धोखाधडी़ का गढ निकली और भारत के सबसे चमकते व भारत की साख बन चुके आईटी उधोग की चमकीली इमारत भरभरा कर ढह गई । सत्यम के चेयरमैन व संस्थापक बी. रामलिंगा राजू ने अपने भाई , जो कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थे , के साथ मिलकर करीब 1.47 अरब डाँलर की हेराफेरी की है । यह हेराफेरी कंपनी की बैलेंस शीट में की गई ।
सत्यम के इस सत्य की छन-छन कर बाहर आने की शुरुआत 16 दिसंबर, 2008 को उस समय हुई , जब राजू ने अपने बेटों की दो कंपनियों का सत्यम के जरिए अधिग्रहण करने की कोशिश की ।
विवादों में घिरे रामलिंगा राजू ने 10 जनवरी को प्रस्तावित बोर्ड बैठक से पहले 7 जनवरी को ही चेयरमैन पद से इस्तीफा दे दिया । और उन्होने सेबी को लिखी चिटठी में बैंलेंस शीट में गड़बड़ी की बात स्वीकार की । इससे समस्ति भारतीय उधोग जगत , कंपनी मामलों का मंत्रालय , सेबी और देश की जनता दंग रह गए ।
इस राज को खोलकर राजू कुछ दिन के लिए अपने भाई के साथ गायब हो गए । हालांकि, बाद में उन्होने आंध्र प्रदेश पुलिस के सामने समपर्ण कर दिया ।