Tuesday, February 17, 2009

बिहार राजनीति का अपराधीकरण

किसी देश के विकास में वहां राजनैतिक व्यवस्था की बडीं अहम् भूमिका होती है । किन्तु जब इस व्यवस्था की बागङोर समाज सेवा की भावना रखने वाले राजनैतिज्ञों की जगह , अपराधी प्रवर्ती वाले लोग सम्भाल लेते है । तो देश विकास की जगह , अवनति की ओर बड रही है । अपराध जगत से राजनीति की ओर आने वाले लोगों की संख्या वैसे तो पूरे देश में बढ रही है । किन्तु इसका सूत्रपात करने वाला बिहार प्रान्त अब अपराधों के स्याह छितिज तक जा पहुंचा है ।
भौतिक सुख साधन शीघ पाप्त करने की लालसा में लोग अपराधों की दुनिया में भागते चलें जातें है । और जब उनके ऊपर कोई मुश्किल आती है तो राजनेता स्वार्थ बस उन्हें संरक्षण देते है । ऐसे अवसरों पर आराधिय़ों के मन में स्वय़ं राजनेता बनने की भावना पैदा हो जाती है । और वे साम,दाम,दण्ड भेद अपना कर मौका लगते ही स्वय़ं राजनेता बन बैठते है। बिहार में ऐसे राजनेताओं की कमी नही है। विभिन्न राजनैतिक दलों के अपराधी पवर्ति वाले अनेक नेता बिहार में मौजूद है। इनके ऊपर दजनों हत्या, लूट, डकैती, फिरौती के मुकदमें दर्ज है । पहलें वे इन अपराधों में स्वय़ं लिप्त रहतें है । और चुनाव जितने के बाद अपने गुर्गो से य़े घटनाऐं करा कर उनको संरक्षण पृदान करते है।

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